वे सात प्रमुख कृष्ण प्रतिमाएँ हैं जो वृंदावन में प्रकट हुई थीं या जिन्हें वृंदावन में स्थापित किया गया है। ये सात ठाकुर हैं: गोविंद देव जी, मदन मोहन जी, गोपीनाथ जी, जुगल किशोर जी, राधारमण जी, राधावल्लभ जी और बांके बिहारी जी।
गोविंद देव जी: जयपुर में स्थापित, यह प्रतिमा रूप गोस्वामी को वृंदावन के गौड़ा टीला से प्राप्त हुई थी।
मदन मोहन जी: करौली (राजस्थान) में स्थापित, यह प्रतिमा अद्वैत प्रभु को वृंदावन के द्वादशादित्य टीले से प्राप्त हुई थी।
गोपीनाथ जी: जयपुर में स्थापित, यह प्रतिमा संत परमानंद भट्ट को यमुना किनारे वंशीवट पर मिली थी।
जुगल किशोर जी: पन्ना (मध्य प्रदेश) में स्थापित, यह प्रतिमा हरिराम व्यास को वृंदावन के किशोरवन से प्राप्त हुई थी।
राधारमण जी: वृंदावन में स्थापित, यह प्रतिमा गोपाल भट्ट गोस्वामी को नेपाल की गंडकी नदी में एक शालिग्राम के रूप में मिली थी।
राधावल्लभ जी: वृंदावन में स्थापित, यह प्रतिमा हित हरिवंश जी को दहेज में मिली थी।
बांके बिहारी जी: वृंदावन में स्थापित, यह प्रतिमा स्वामी हरिदास द्वारा प्रकट की गई थी।
इन सातों ठाकुरों में से, गोविंद देव जी, मदन मोहन जी, और गोपीनाथ जी को मुगलों के आक्रमण के दौरान वृंदावन से अन्य स्थानों पर ले जाया गया था, जबकि राधारमण जी, राधावल्लभ जी और बांके बिहारी जी आज भी वृंदावन में ही विराजमान हैं।
No comments:
Post a Comment