Friday, January 6, 2023

Shiv ji ki Aarti

 


-श्री शिव जी की आरती-

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥

ओम जय शिव…..

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।

हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥

ओम जय शिव…..

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे

ओम जय शिव…..

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी

ओम जय शिव…..

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे

ओम जय शिव…..

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता

ओम जय शिव…..

 ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका

प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका

ओम जय शिव…..

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी

ओम जय शिव…..

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे

ओम जय शिव…..

जय शिव ओंकारा हर शिव ओंकारा|

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥

ओम जय शिव…..


No comments:

Post a Comment